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હૈમ સંસ્કૃત ધાતુ રૂપાવલી
खिद् - . ५६. ४ ४२वो. (निट)
વર્તમાના
શ્વસ્તની खिन्दे खिन्वहे खिन्द्महे | खेत्ताहे खेत्तास्वहे खेत्तास्महे खिन्त्से खिन्दाथे खिन्द्ध्वे/ | खेत्तासे खेत्तासाथे खेत्ताध्वे
खेत्तारौ खेत्तारः खिन्ते/खिन्ते खिन्दाते खिन्दते હ્યસ્તની
ભવિષ્યન્તી अखिन्दि अखिन्वहि अखिन्महि | खेत्स्ये खेत्स्यावहे खेत्स्यामहे अखिन्थाः । अखिन्दाथाम् अखिन्द्ध्वम्/ | खेत्स्यसे खेत्स्येथे खेत्स्यध्वे अखिन्थाः
अखिन्ध्वम् । खेत्स्यते खेत्स्येते खेत्स्यन्ते अखिन्त । अखिन्दाताम् अखिन्दत अखिन्त
विध्यर्थ खिन्दीय खिन्दीवहि खिन्दीमहि | अखेत्स्ये अखेत्स्यावहि अखेत्स्यामहि खिन्दीथाः खिन्दीयाथाम् खिन्दीध्वम् | अखेत्स्यथाः अखेत्स्येथाम् अखेत्स्यध्वम् खिन्दीत खिन्दीयाताम् खिन्दीरन् | अखेत्स्यत अखेत्स्येताम् अखेत्स्यन्त આજ્ઞાર્થ
माशीवार्थ खिनदै खिनदावहै खिनदामहै | खित्सीय खित्सीवहि खित्सीमहि खिन्त्स्व खिन्दाथाम् खिन्द्ध्वम्/ खित्सीष्ठाः खित्सीयास्थाम् खित्सीध्वम्
खिन्ध्वम् | खित्सीष्ट खित्सीयास्ताम् खित्सीरन् खिन्ताम्/ खिन्दाताम् खिन्दताम् खिन्ताम् मद्यतनी (पीओ प्रार)
પરીક્ષા अखित्सि अखित्स्वहि आंखत्स्महि | चिखिदे चिखिदिवहे चिखिदिमहे अखित्थाः अखित्साथाम् अखिदध्वम/ | चिखिदिषे चिखिदाथ चिखिदिध्वे
अखिद्ध्वम् | चिखिदे चिखिदाते चिखिदिरे अखित्त अखित्साताम् अखित्सत ।