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________________ ૩૬૬ હૈમ સંસ્કૃત ધાતુ રૂપાવલી : ભાગ-૧ ચોથા ગણના કૃદા વર્તમાન | વર્તમાન | હેત્વર્થ | સંબંધક | કર્મણિ કર્તરિ | કર્મણિ | કૃદન્ત ભૂત કૃદન્તભૂત કૃદન્ત कुप्यत् कुप्यमान कोपितुम् । कुपि/कोपित्वा कुपित लाल क्रुध्यत् क्रुध्यमान क्रोद्धम् क्रुद्ध पुष्यत् पुष्यमाण पुष्ट्वा नृत्यत् नृत्यमान नर्तित्वा नृत्त | क्रुद्ध्वा पोष्टुम् नर्तितुम् तुष्यत् नश्यत् तुष्यमाण नश्यमान |तोष्टुम् नशितुम् नंष्टुम् | मोहितुम् नष्ट मुह्यत् मुह्यमान मोग्धुम् | मोदुम् लोटितुम् लुट्यत् लुट्यमान लुभ्यत् लुभ्यमान लोभितुम् लोब्धुम् 列现现现肌巫巫刚到现职啊丽丽棚孤观 . | तुष्ट्वा तुष्ट | नशित्वा नशित नंष्ट्वा मोहि/मुहित्वा मोहित मुग्ध्वा मुग्ध मूदवा मूढ . लुधिलोटित्वा लुटित . लोटित लुभिालोभित्वा लुभित | लुब्ध्वा . लुब्ध | क्षुभित्वा क्षोभित्वा | युद्ध्वा युद्ध मदित्वा | श्रमित्वा श्रान्त्वा शमित्वा शान्त शान्त्वा | क्षुभ्यत् क्षुभ्यमाण | क्षोभितुम् क्षुभित क्षुब्ध योद्धम् . युध्यमान माद्यत् श्राम्यत् युध्यमान मद्यमान मदितुम् मत्त श्रान्त श्रम्यमाण | श्रमितुम् शाम्यत् शम्यमान शमितुम् जायमान जन्यमान जनितुम् जनित्वा जात सिध्यत् द्रुह्यत् जायमान सिध्यमान | सेद्धम् सिद्ध्वा | सिद्ध द्रुह्यमाण द्रोहितुम् द्रोहि/दुहित्वा | द्रोहित | द्रोग्धुम्/द्रोढुम् दुग्ध्वा/दूवा | द्रुढ द्रुग्ध | शुष्यमाण शोष्टुम् शुष्ट्वा शुष्क
SR No.006058
Book TitleHaim Sanskrit Dhatu Rupavali Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDineshchandra Kantilal Mehta
PublisherRamsurishwarji Jain Sanskrit Pathshala
Publication Year2006
Total Pages298
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size15 MB
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