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________________ मोदित उप्त उप्त गर्जत् હૈમ સંસ્કૃત ધાતુ રૂપાવલી: ભાગ-૧ પહેલા ગણના કૃદન્ત વર્તમાન | वर्तमान | इत्यर्थ | संबंध | भात કર્તરિ કર્મણિ | કૃદન્ત ભૂત કૃદન્ત ભૂત કૃદન્ત वहमान उह्यमान | वोढुम् ऊवा | ऊढ ईक्षमाण ईक्ष्यमाण | ईक्षितुम् ईक्षित्वा ईक्षित काशमान काश्यमान काशितुम् | काशित्वा | काशित रोहत् रुह्यमाण | रोदुम् रुदवा रोढ मोदमान मुद्यमान मोदितुम् मोदित्वा मुदित्वा । कम्पमान कम्प्यमान कम्पितुम् कम्पित्वा कम्पित वपत् उप्यमान वस्तुम् उपत्वा वपमान उप्यमान | वप्तुम् | उपत्वा गय॑माण गर्जितुम् गर्जित्वा गर्जित द्योतमान द्युत्यमान द्योतितुम् द्योतित्वा | द्युतित रोचमान रुच्यमान रुचित्वा रुचित श्रीयमाण |श्रित्वा श्रयमाण श्रीयमाण |श्रित्वा यतमान यत्यमान यतितुम् यतित्वा यतित भजत् भज्यमान भक्त्वा भजमान भज्यमान भक्तुम् भक्त्वा ध्यायत् ध्यायमान ध्यातुम् ध्यात्वा गायत् गीयमान गीत्वा द्रवत् द्रूयमान | द्रोतुम् रट्यमान | रटित्वा |रटित तपत् तप्यमान तप्तुम् तप्त्वा तप्त कसत् कस्यमान कसितुम् कसित्वा कसित शिक्षमाण शिक्ष्यमाण शिक्षितुम् |शिक्षित्वा भरत् भ्रियमाण भृत्वा भरमाण भ्रियमाण | भर्तुम् | भृत्वा ह्वयत् हूयमाण ह्वातुम् ह्वयमान हूयमाण ह्वातुम् | हूत्वा | वाञ्छत् | वाञ्छ्यमान | वाञ्छितुम् । वाञ्छित्वा वाञ्छित श्रयत् । रोचितुम् श्रयितुम् श्रयितुम् श्रित श्रित भक्तुम् भक्त ध्यात गातुम् द्रुत्वा रटत् रटितुम् भर्तुम् EEEEEEEE हूत्वां वाञ्छ
SR No.006057
Book TitleHaim Sanskrit Dhatu Rupavali Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDineshchandra Kantilal Mehta
PublisherRamsurishwarji Jain Sanskrit Pathshala
Publication Year2006
Total Pages308
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size16 MB
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