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________________ 349 यामतो तेनु नाम जीक हत्तु तेनो खेड़ न प्रहार सामनाने भारला मारे पूरतो ह्तो खाम मैना त्रासची जयपु नही पछी बेड टर्निंग चौघन्ट खायो रखने सेवी साधना उरी डे डेवजज्ञान खाम तेना निडायिंत डर्मो सेवा दुर्गानमा न्धु यड़े तेना खात्मा पर पापना अनुबंधो। निझयिंत धर्म पडेला છ દેનામાં વળજ્ઞાન यामी गयो डेंटली वार हता है साधना द्वारा छे छत्ता चा प्राप्त धुं महावीर परमात्मा व्हेली क्षयझोली यामी न शड्या मारे १२१५ वर्ष सुध खात्म दर्शन वगर रहेषु पड्यू क्षय डोलीमा में कमोनो नाश धाय से उम प्रत्युन लोगवा पड्या. हिक्षा लेती वजने तेमने ४ ज्ञानं होय छे. वलदेव लगवान हिक्षा लेती वजने १४ पूर्वनु ज्ञान धरावे छे. शास्त्रमा छल्ले सुधी यहोयेसा छे छत्तायल नेमने ते वजते खात्म साक्षात्कार धयो नही. सश्यी खेवा दर्शन करवानी शकित डिवण ज्ञान मां धुं छे. घटगा खारे पा धयो छे साक्षात्कार छे के सर्वशास्त्रोनो ठीक चहा धरगी मांडी डेवपज्ञान . खात्मदर्शन डेम मांडी આત્માના जाडी जे हे डी પ धाय छे साहेनक: लहने नगरमा खेड पांघर खत्यंत यापी छे सार खा उरी शडलु नही गुड नामने जही खोटी वातो नय छे, साधे 1 यामी शक्तिखो प्राप्त करे प्यारे छे छत्ता यहा क्षपश्रेली r शक्तिखो आत्मा महावीर अन्तु पहेली क्षयभेली शड्या नहि ? ड्यु वच्el जूरंतु हनु ? पुरुषार्थमां खामी हत्तीर
SR No.005862
Book TitleAnukampadan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYugbhushanvijay
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages400
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size8 MB
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