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________________ 3भ - पायावी चिंता - धती नही होशियार खेवाने त्यांक सावा हिदूराओं उन्मे तेवीं पुरी र्यालयुगे आजकने खोजामा सबने लेने વહાલથી चंपाजता याजूला डानसथी तेवीं मंत्री सी. घसी नाखी लेने करायला बेहना घायल न धाय तेनुं पूस्तु खेड उशमननु डामू सहने महात्मा पास छेडे "हवे खानु इज शुं ध्यान याला उच र" नहि धाय या ष्ठ ४ छेडे या पुत्र हवे शक- राकार सुताधीश के नीमनारो जनशे संज्ञाना स्थान जीने जेसो यहा बत्तानी लगाम तेना हाथमा रहेशे खा सालजीने सहि पुत्रने छोड़ी बहुत ध खा जायने तमे शुं उहो? तमारी दृष्टि खेतों हिउरान लविष्च जगाडनार व ने कनेर के भवने इस छे ने तेमा राये पोतानों विकास माने छे, पुरषार्थ बंधी तेला लवमे के चडे पाच रसिकता पूरेपूरी पाळा पोषोनो सत्ता से पायनं साधन छे. संपत्ति खे परिवाहन भूप छे. तेने चाप उहेवाच सगा सजधी मां नयांरे व्यवहारिक रीते यहा लौतिक प्रवृतिमा तेना विकासने ४ जीके को खत्मड यूयने अनुज न हाथ रखने खेने शु धाय ? ● बाय BUIGHT लाग्यशाली राज्यु या यहां यूटिए खावे छे. महात्मा कलाव सला उना भावो प्रसंग खावे त्यारे खनुमोहना पुराय? साहेबल:- सारो पिवेडी आवडतो खा झपूने पल खनुमोहना न करे चहल खेम र उईई ४३२
SR No.005862
Book TitleAnukampadan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYugbhushanvijay
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages400
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size8 MB
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