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________________ विचार्थप्रेड जज न भेजे सामानी हितनुधिनी उरेल युल्यबंधनुं डाउला जने.. तमाश हिडराने च संतानोने तमारे वालहारी के तेमना चासुनचोषला ने उर उर्तव्यइपे અઘાય स्वार्थची मारोतो याच तरीही मोटा उरखानी तमाश બાપ खेटले चुल्य दुर्तव्य जंघाचा उया भावधी महापुरुषो होमो शस्त हा रोछणे. खेडरा छे 521 અદા ये मूडे डे ने मोटा शुं डाम ३. ने ममता લાક્ડી उरवामां होचतो, लुक चाय धर्मबंध यालु समा જ્વાબદાર ણ ભાષ :- समाश छोकरा हशे खेने साहांक:- जीलना छोकरानी चल खावेतो मोटा उरखा पडे भें मरी गयो होय के नेना छोहराने रवा पंडे - कवाजहारी અદા ૬૨વામાં बोखे उर्तव्य यल अशुभ भावधी होतो चाप लागे ने संगत रागद्वेय चाग मेजवोतो याच लागे आयला तीथंड रोखे खाखो संसार शूललावची हम यतावको ते चल जतायु छे. थे तेमा खावडन होयतो होयतो यह जांधी शडो छो પરંત शुभ लाव उहेवाय 2.ने अशुभ डोने भाव 2 Sal 30 Sal २वा ? हिउरो मोटो धजे जुठायामां मारी भे खावा जधा लावो पशुम थे, ने तेही الو зав जनशे मने सायवशे. तमाश ३रनेट खमे मोरा तमाशे लाहे पल मोटा नि रा ४ लेख हिड्रानो छेर माणायनी मंडित या केवी रीते उरखानी मां बाप के चाजुछु त्यो छु खा बोलो ते
SR No.005862
Book TitleAnukampadan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYugbhushanvijay
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages400
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size8 MB
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