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________________ 238 सगवड भाजू 9 निश्चित था रहो. खाम तेमनी कधी . पूरी पांडे के क्यारे तमने के. क्यारे तमने खाट उहीचे हे लडत. यांत्र छे तो तुमने समाय खबर समे मर्याह न मूडी होखे घ्या सुधी लाडत डरो जरा? तूमे विवेक यूडया छो क्यारे में तुमने दुहीचे रखने समे तेमा खहिंसा धरो, तथा कमीने या संसारमा ने खालसमारलनु पाप सम्शे 322) हेतु खमने पाप लाग से, साबुपगामा के खानीखो. छ तेमा तमे पहल व्याजहार छो ईडन साधुखोने कोलवाना नथी. जन्नेनो बाहयोग . खेडला श्रावकडे खेडला साधू या नहि. डोघे साधु करतो होचतो तेना माटे अन्याय नहि डरता चहा तूमे चाजहारी छो खमेतो पाट पर जेठा हे तेची समारे तो लगवाननी आज्ञा प्रमाले प गुडया जनाववा वे धम जळोनी खानीखो पडे. तेमा तमारी खने जनाबबी पडे नाहितर अजुनी साथी धर्म खमे जनावी नहि राडीचे. शना:- उपधान वगेरे डरावाय ? साहजकः छे या तेनु खाचोकन डोने कला चल निशा साहेब: हा निशा बुह तिर्थडश मिश्रा स्थापना हुता अमोवसरामा इज. निवेध, असिजाउजा नही पाडता. शव माटे ते सनिवार्य रखनुष्ठान डरखानु ख्याय छे खापवा तो हुयल तैयार बीच होना ट्याई समती व निक्षा उपे साधु आपी बड़े है संमत डेम खायी 15 2 लगवान उँछ ना केला: ------
SR No.005862
Book TitleAnukampadan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYugbhushanvijay
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages400
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size8 MB
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