________________
जह
સ્ખલ્યા हानना क्षेत्र व्याले छें ब्जा जेनो लेह पाडवानी कामूली नदी खत्यार रखनुड्या हान लागे छे. जर 'मानव सेवा से छे पेटले जदोनो शैलुमेजों
બોલાય
3
અન
थाय ४
'मानवसेवा' शब्द या मिथ्यात्व सूराहू छांची.
या मानव पा जन्नेना सेवा डही तमे परमात्माने खोजच्या
वास्तवमा
मानवनी सेवा नहि या घ्या होय सेवाती अश्वनी . होय खावा राज्ही जोसता यहा के खावेतो मानो लागे, हमे पा बुंधा अवाहमा aijust अर्ध गया छो तेथ जोड़ता ज्यात नयी रहेन। मानव सेवा तरीडे नमे नै लडिन खोने लोछो ने जधा लगलग गुहांहीन होय छे. या जधी भुवी सेवा -
तेव लाव कुमांना वाहना के
यात्र
(
ड्या पैरमात्मा ।
ज
समाव
20
मोटी गरजडों बात जघाने मध દ્વાન તરી अल सेवा तेषु
9
/
शाय है
o
जने, खरादू हुं न्यारे गृहस्थचणामा हतो त्यांरे मूडितर्धसूरि
मोटा खायार्य लगवंत महाराष्ट्र ना खेड, गाममा हता. सने ते बजते त्यां हानूर हुतो, त्यांचे खेड मोटी व्यक्ति व्यां खावेसी, खुने तेमणे वानवातमा उहह्युंडे खायलो हवे धर्मना क्षेत्रमा ठायो जहलवानी ४३२ छे. खाया लगवते डाल पूछता घूमो उधुं सत्यार સામાયિક પ્રતિમા વગેરેને અનુષ્ઠાનો तुमारे जधाखे इस लेवो भेडखे, तो न जायगी Value रहेशे
अंशवीचे बीचें तेना डरता 1 संभाळ सेवामा
न समान्मा