________________
234
खाजन्ने खाधीश डे डोहने या अजर q साज सुवर्णमुद्दा
खायुं वस्त्र लग्ने हरकसे पूछवुड़े देखा वस्त्र ड्या लाप्योर प्यारे नेटो वर्तमान स्थामीनु नाम खायुं या संमूल्य वसा लेता हरकनु मन संसयाच नेधी ते ब्राझाने जीवु खडा चुका पहा सर्व खाववा ने वका भेडी सेवी रीतें नाही पड़े रखने खाय्या वस्त्रना खावी शडे ते बजते १ सुवर्ण मुद्दामा तो ताना नाडा खाडी राडे, खाम सामजाने जाहलने धुं डे सां मजेतो माडू कन्भारानु जहर डीटी हरक चहा तेने खंड वस्त्र सर्व खावेतो बोडी खड्घा पैसा खायवानु हुहे छे. खाम ब्राह्मण अलु यासें चांछो भय चल जानहान होवाथी मांगी शडतो नही तेक्षी प्रत्युनी चांछन चाळ ईर्ष्या करे छे ने विचारे छेडे 'अलुने तो उपडानो शु मोह होच? : लूले ते खन हरिछनो खवतार छे यहां जानंहान छे तेथी मांगतो नही. खाम हरता जार महिना वीती भय छे छत्ता प्रलु पासे मांगती चला साथै इर्चा करे छे, जलेंगे सरझवी सधै पुरानो हात
च
सला:- मांगे खेले जानहानी घटी भवंट साहेोजन:, सांवे छे ते क
નહરીફરી
માગવાની તે શમ
"
चला प्रत्यु त्यांगना गुगोनुं जहुमान यामी गयो छे समेकित यहा આ જીવની
प्रभु यहा
सांधे इस्तो होवाळी ने
खाम जाहमाग
खूना पुरामा
भग्यु थे, जुने जोधाजी पानी गयो छे. भगीने
सायात
2.