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________________ 3 SUSI घोबाना तमे सामायिकमा हो छता या नमारा होय रखने तेमां के कवोनी हिंसा धाय छे छेनी तमारी अनुमति से समा हिउरो वेपार उरतो होच पने तेमा उसाउनों नंझे चरा वायरो छो जेन्डमा मुडेली मूडीन पहा ते झीं छो छ खामा अधा पायमा होय व छे. खायलो धर्म घलो चाचाना विडयो वियारखाना छे. साधने चायना अनुमतिना चापछी विराम. छे.. केनो त्याग होय छे सांध्धी खारल डरांवाच नाही. डांगी के सुरता छे 3 सांवा रूपमें बहुमान डरोतों मानो प्यासतप जधामा माग सहेने तुमने केम उरांच म धावडने साधुभवन हरण्यान त्यांग समारे लवाजा हाम सुने उस्तो शेष लागे क होय खूने तूमें राकू यस तमने होष लागे खत्यारे न धनुं होच रूपने साधु हांप डरवानी प्रेरणा हे खाज्ञा elld उसाउनु culg अनुमति सूक्ष्म नहि |ध पत्र राडे ने करेला तप बधाई પ આપ્યું ડતા કહ્યું. વ્રતમાંથી 대림 खने घटगुं गूमाले. मूडीयेत घट गुमाववानुं खावे. भगवाननी ज्ञा विइध नी वातोमां ช तम राव घाव छी देखो स्यावु जघु काम करे छे रखने उरावे छे तेने खम सायक नही रहता, या लेने यायोग्य डे नासायक था नही कहता चला लगवाननी माझा विरधना काम हुरे हे, तेमा अनुमोहनातो तमाशे मासे न બહાર આવી खत्यारे समे खायार
SR No.005862
Book TitleAnukampadan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYugbhushanvijay
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages400
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size8 MB
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