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________________ 205 हेम डोछे पहेला छोरामा, डोछे जील, जेथे श्रीभमा खिम जवाना . Standard खलग खलग होच छे तिम ज्ञानमा धर्ममा ड्रमसर भूमिका जतावी छे तमाम भूमिझना खारवनाना मागी जताच्या छ प्राथमिक, मध्यम खने यो धर्म जताया हो. धर्ममा मुजची हिंसा के नेटली साहिंसा वून वधारे तेटली धर्म ठूयो ने केटली हिंसा बधाई ठूलो धर्म नीयो बूरी तेथी व लगवाने संपूर्ण बहिंसक जुनी शंडता होतो ते छ. तेथी तीर्थ उसे जी हिंसा छोड़ी हे छे पायासु दुधी त्यो न पहोचो त्यांसुधी सामांधी co भेटुलो SS.C g.. 18 साल सेवानी छे 8 साधु होना खायार स संपूर्ण पाजे रखने समिखेड व साख उप जाये तो यहा इज वधारे साधुनु वधारे उहेवाच. 4 तमारतो खेड़ उपादाय जनाववानां झझ संघनी साधे थोडो आधे थोडो हिस्सो यांची ही खेटले पती गयु. जगलो जधाववानो होतो खेडला जंधावशी. पहा ने उहारा होचली तुया डार्यों सोलानी डই : संपत्ति द्वारा खावा श्रावक उपादाय हेरासर जांधे तेना ठुरता सांधुनी खेड हिवसनी आराधना दुखी छे धर्मका श्रावनी खांजी कहगीनी खाराधना बाहुनी सासूधना के जे घडीनी होटा नेनी न जाने नमने पेम धाचई समे जेवतो श घाड मारी छेडे खमाशे धर्म खां जियों जावे. साधु ने श्राखंकना धर्मनी उपमा साम 1
SR No.005862
Book TitleAnukampadan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYugbhushanvijay
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages400
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size8 MB
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