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भीगता साशन પાપાત્મા થત
સનાતો પછી પાપાના ડેમઉંઘતા સારા 2 साहेब:- धर्मात्मा साश, दुनिया खाखामा पापात्मा ઉપ૬૫ મચાવે છે जील खभेडने शीतिनुं झरल जने छे, अत्तावा सो खाखो हिवस शुं करे केट खावा पापात्मा केन्द्रियमा लय तैवी Seo डरवानी शास्त्रमा डही छ
विरोध के होरे छे, तेषा. तेव ४ तैय्यांना खात्मानु
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यू हमर्थछ सुरिंकू अयु के के हे प्रत्तु g चाची खाभाखो के हमने शासन व्यर, मोक्षमार्ग उपर धर्म पर ने धर्म व्यवहार पर खने खाखा कातने बुछे रस्ते खात्माखो झूला, सँगडा, जोखडा जने छीखेखा उहेवामा चहल नेमा हित छे, सैडेन्द्रियमो डान, मोठ माथु Crippled छे तेथी चोताना जाड़ दुई खाने भगतनु यहा हित छें, जावंधी खाम विचारे . विवेकपूर्वक समनवा हीर्घदृष्टि लेखे वितराग है दु के साधना विरोधी ब्छे सत्मार्गना विरोध छछ तेमना माटे रूपमें खाबु धरतीथे छी खे खेटले दोनों खर्थ खेम नहिडे केनामा पांपनो । यापनो परिणाम छे, याने बँधी गयो छे तेथी याप नही बंधातु धर्मात्मा उँधमा यहा पुल्च जांघे छे. मननी वृतिखो केटली गुल हो ते प्रेमालो ४ बंधाय छे,
आत्मानु खाहित देखो Sacil ९३ ला लावने स्तोत्र का बहुधु
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व्यक्ति योतानुं व्यक्तित्व सुधारे तो व बांधी राडे छे. मसिन व्याक्तित्व
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