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૧ર૪. स्थानी नमित | 0 | सूत्रनंबर | सूत्र
ऊंड | ईदेद्विवचनम्।
|१-२-३६ | चादिः स्वरोऽनाङ्। वी |१-२-२१ |इवर्णादरस्वेस्वरेयवरलम् ।
|१-२-२२ ह्रस्वोऽपदेवा।
ऊ३ ई १-२-३२ प्लुतोऽनितौ। ऊ + ई ऊई १-२-४ ईदेद्विवचनम्। .
ऊ ई. १-२-३६ चादिः स्वरोऽनाङ्।
|१-२-१ समानानां तेन दीर्घः। ऊ3 + उ | ऊ उ १-२-३२ प्लुतोऽनितौ। ऊ + उ ऊ उ १-२-४ ईदेद्विवचनम्। ऊ +3 ऊ उ १-२-३६ चादिः स्वरोऽनाङ्। ऊ + ऊ ऊ १-२-१ समानानां तेन दीर्घः। ऊ३ + ऊ | ऊ३ ऊ |१-२-३२ प्लुतोऽनितौ। ऊ + ऊ ऊ ऊ १-२-४ ईदूदेद्विवचनम्। ऊ+ ऊ ऊ ऊ |१-२-३६ चादिः स्वरोऽनाङ्।
वृ |१-२-२१ इवर्णादेरस्वेस्वरेयवरलम्। ऊ + ऋ | उऋ १-२-२ लति ह्रस्वो वा। ऊ + ऋ उ ऋ १-२-२२ ह्रस्वोऽपदेवा। ऊ३ + ऋ | ऊ३ ऋ १-२-३२ प्लुतोऽनितौ। ऊ +ऋ ऊ ऋ १-२-४ ईदेद्विवचनम्। .. ऊ + ऋ | ऊ ऋ १-२-३६ चादिःस्वरोऽनाइ। ऊ + ऋ
|१-२-२१
इवर्णादेरस्वेस्वरेयवरलम्। ऊ + ऋ | उऋ १-२-२२ ह्रस्वोऽपदेवा। ऊ३ + ऋ | ऊ ऋ |१-२-३२ | प्लुतोऽनितौ। ऊ + ऋ ऊ ऋ १-२-३४ ईदूदेद्विवचनम्।. ऊ + ऋ | ऊ ऋ १-२-३६ चादिः स्वरोऽनाङ्।
+ लृ | व्लु १-२-२१ इवर्णादेरस्वेस्वरेयवरलम् ।