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स्थानमत | ई. | सूत्रनल सूत्र
उ + इ वि |१-२-४० | अञ्वर्गात् स्वरे वोऽसन्। उ + ई वी |१-२-२१ इवदरस्वेस्वरेयवरलम्। उ + ई
१-२-२२ ।
ह्रस्वोऽपदेवा। उ३ + ई उई | १-२-३२ प्लुतोऽनिता। उ + ई | उई १-२-34 अदोमु-मी। उ + ई
|१-२-३६ चादिः स्वरोऽनाङ्। |वी . |१-२-४० अञ्वर्गात् स्वरे वोऽसन्। उ + उ ऊ . |१-२-१ . समानानां तेन दीर्घः। उ३ + उ |१-२-३२ प्लुतोऽनिता। उ + उ
१-२-34 | अदोमु-मी। १-२-36 चादिः स्वरोऽनाङ्।
१-२-४० अञ्वर्गात् स्वरे वोऽसन्। उ + ऊ
ऊ
|१-२-१ समानानां तेन दीर्घः। उ३ + ऊ उ३ऊ |१-२-२ | प्लुतोऽनिता। उ+ऊ उऊ ૧-૨-૩૫ | अदोमु-मी। उ + ऊ उऊ | १-२-36 चादिः स्वरोऽनाड्ः। उ + ऊ
१-२-४० अञ्वर्गात् स्वरे वोऽसन्। उ + ऋ वृ |१:२-२१ इवर्णादेरस्वेस्वरेयवरलम् । उ + ऋ
|१-२-२
ऋतृति ह्रस्वो वा। उ + ऋ .
उऋ |१-२-२२ ह्रस्वोऽपदेवा। उ३ + ऋ | उ३ ऋ |१-२-३२ प्लुतोऽनितौ। उ.+ ऋ उऋ. १-२-34 अदोमु-मी। उ + ऋ उऋ १-२-३६ चादिः स्वरोऽनाङ्। उ+ ऋ
|१-२-४० अञ्वर्गात् स्वरे वोऽसन्। . उ + ऋ
|१-२-२१
इवर्णादेरस्वेस्वरेयवरलम् । उ + ऋ । उऋ. १-२-२२ ह्रस्वोऽपदेवा। उ३ + ऋ | उ ऋ १-२-३२ प्लुतोऽनितौ।
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