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________________ [130] પ્રતિષ્ઠાને અહેવાલ आ प्रसंगे पालीताणामां बिराजमान प. पू. आ. सागरानंदसूरीश्वरजी म. ना पट्टधर प. पू. आ. हेमसागरसूरीश्वरजी म. तथा प. पू. आ. देवेन्द्रसागरसूरिजी म. आदि तथा प. पू. आ. विजयनीतिसूरीश्वरजी म. ना समुदायना प. पू. आ. विजयमंगलप्रभसूरीश्वरजी म. आदि तथा प. पू. आ. विजयकेसरसूरीश्वरजी म. ना समुदायना प. पू. आ. विजयप्रभवचन्द्रसूरीश्वरजी म. आदि तथा प. पू. पं. श्री हिंमतविमलजी गणिवरना शिष्य प. पू. आ. शांतिविमलसूरीश्वरजी म. आदि तथा प. पू. आ. विजयवल्लभसूरीश्वरजी म. ना शिष्यरत्न पं. बलवंतविजयजी गणिवर आदि तथा खरतरगच्छाधिपति श्रीमद् जिनहरिसागरसूरीश्वरजी म. ना शिष्यरत्न अनुयोगाचार्य श्री कांतिसागरजी म. आदि तथा पार्श्वचंद्रगच्छीय श्री विद्याचन्द्रजी महाराज आदि सपरिवार अमारी विनंतिथी प्रतिष्ठादि विधिविधानमां पधारशे.. रोजेरोजनां धर्मानुष्ठानो तथा धर्मक्रियाओना आदेशोनी उछामणी आगला दिवसे रात्रे भावना वखते करवामां आवशे. विधिविधान माटे अमदावादनिवासि भाईलालभाईनी मंडली तथा खंभातथी पंडित छबीलदासनी मंडळी तथा बीजा विधिकारको पधारशे. पूजा तथा भावना माटे श्री संगीतकार . श्री रसिकलाल खंभातवाला पोतानी मंडली साथे पधारशे. आ धर्मोत्सव प्रसंगे पधारी लाभ लेवा सकल श्रीसंघोने विनंति छे. झवेरीवाड, पटणीनी खडकी, शेठ आणंदजी कल्याणजी अमदावाद-१ ( गुजरात राज्य ) ‘ना सबहुमान प्रणाम वांचशोजी Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005597
Book TitleShatrunjay uper thayel Pratishthano Ahewal
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatilal D Desai
PublisherAnandji Kalyanji Pedhi
Publication Year1977
Total Pages232
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size11 MB
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