________________
(१४)
१८ श्री पन्नवणा १९ श्री नंदि २० श्री व्यवहार २१ श्री भगवती २२ श्री अणुत्तरोववाइ २३ श्री अणुत्तरोववाइ २४ श्री व्यवहार
श्री भगवती २६ श्री समवायांग २७ श्री अन्तगडदशांग २८ श्री बृहत्कल्प
श्री व्यवहार ३० श्री व्यवहार ३१ श्री महानिशीथ ३२ श्री सूयगडाङ्ग ३३ श्री दशवैकालिक ३४ श्री महानिशीथ ३५ श्री स्थानांग ३६ श्री बृहत्कल्प ३७ श्री उत्तराध्ययन ३८ श्री स्थानांग ३९ श्री दशवकालिक ४० श्री ज्ञाता ४१ श्री कर्मग्रंथ
or aur roorwww ur rr १ १ १ १vvvvvvv
डा
.
"
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org