SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 37
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ (३४) रे॥ जलें ॥२॥ए गिरिराजने नपणे निहाली, हारे तुमे सेवो अवधि दोष टाली रे ॥ चलें ॥३॥ मुक्ता सोवन फूलें वधावो, हारे नमी पूजीने नावना नावो रे ॥जलें॥॥ कांकरे कांकरे सिद्ध अनंता, हारे संजारो पाजें चढंता रे ॥जलें॥५॥ आदि अजित शांति गौतम केरा, पहेलां पगलां पूजो जलेरा रे ॥ चलें ॥६॥ आगे धोली परव टुंके चढियें, तिहां जरतचक्री पद नमीये रे ॥ नलें ॥७॥ निली परव अंतराने आवे, हारे नेमी वरदत्त पगलां सोहारे रें॥ नलें ॥ ॥ आदिथुन नमिकुंम कुमारा, हिंगलाजहडे चढो प्यारा रे ॥ जलें ॥ ए ॥ तिहों कलिकुंम नवि श्रीपास, हारे चढो मान मोमी उदास रे ॥ जलें॥१॥ गुणवंत गिरिना गुण गाई,बगला कुंमें विशमो लारे ॥जलें। ॥ ११ ॥ तिहांथी मकागालीपंथें धसीये, प्रजुगढ दे खीने उबसी रे ॥ जलें ॥ १२ ॥ नमीयें नारद अश्मत्तानी मूरति, वली माविम वारिखिल्स सुरति रे ॥ जलें ॥ १३ ॥ तीरथमि देखी सुख जागे, निरखो हेमकुंमने आगे रे ॥नले॥१४॥ राम जरत शुक सेल Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005394
Book TitleShatrunjay Tirthmala Ras ane Uddharadikno Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShravak Bhimsinh Manek
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1923
Total Pages106
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy