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करी खशक्ति अनुसार काननी पूजा करवी. पड़ी धूप करती वखते आ
गाथा कहेवी॥ ॥ मीनकुरंगमुदारमसारं, सारसुगंधनिशाकरतारं ॥ तार मिलन्मलयोछविकार, लोकगुरोर्दहधूपमुदारं ॥१॥ एम कहीने धूप उखेववो. पड़ी मंगलदीपक करीने आ गाथा कहेवी:॥अथ मंगलदीपकपूजा ॥
॥ कोसंबी संहियस्सवि, पयाहिणं कुण मनुखियपश्वो ॥ जि
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