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कम्म ॥२॥ तिहां नूमि शोधन दीप दर्पण, वाय वीजण धार ॥ तिहां करीय कदली गेह जिनवर, जननी मजानकार ॥ वर राखमी जिनपाणि बांधी, दीए एम आशीष ॥ जुग कोमाकोमी चिरंजीवो, धर्मदायक ईश ॥३॥ ॥ ढालबही॥ एकवीशानी॥ जगनायकजी, विजुवन जन हितकार ए॥ परमातमजी, चिदानंद घनसार ए ॥ ए देशी ॥
॥ जिणरयणीजी, दश दिशि
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