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१३ए लासनकाः लीलारसरोपितचित्तवृत्तयः विहितश्रीमजिनेंत्नक्तिप्रवृत्तयः सांप्रतं श्रीमहांतिजिनेंजन्मानिषेककलशो गीयते ॥ ॥ राग वसंत, तथा नट्ट, देशाख ॥
श्रीशांति जिनवर, सयल सुखकर, कलश नणीए तास ॥ जिम नविक जनने, सयल संपत्ति, बहुत लील विलास ॥ कुरु नानिजनपद, तिलक सम वम, हबिपाउर सार ॥ जिननयरी कंचन, रयण धण कण, सुगुणजन आधार
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