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जुता जागे रे ॥ कंचन जमित दार, थालमा लावो रे ॥ तार तार मुज तार, जावन जावो रे ॥१॥ लापसी सेव कंसार, लाडु ताजा रे॥मनोहर मोतिचूर,खुरमा खाजा रे ॥ बरफी पेंडा खीर, घेवर घारी, रे ॥ साटा सांकली सार, पूरी खारी रे ॥२॥ कसमसीया कूबेर, सकरपारा रे ॥ लाखणसाश रसाल, धरो मनोहारा रे॥ मोतैया कलिसार, आगे धरीए रे ॥ नव जव संचित पाप, दणमा हरीए
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