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बेश नर नार ॥ जिनवर थागे जे धरे, सफलो तस अवतार ॥१॥ फलपूजानां फल थकी, कोकि होय कल्याण ॥ अमर वधू उलट धरी, तस धरे चित्तमां ध्यान ॥२॥ ॥ ढाल ॥ सातमी ॥ बिंद
लीनी देशी॥ ॥ फलपूजा करो फलकामी, अभिनव प्रजु पुण्ये पामी हो ॥ प्राणी जिन पूजो॥श्रीफल अखोड बदाम, सीताफल दामिम नाम हो ॥ प्राण ॥१॥ जमरुख तरबुज
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