SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 10
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ने मुज नंदिनी । दी, कन्यादान ॥१॥मंत्री कहे तुमें शुकडं। ए अणजुगतुं काज॥देज्यो मोहोटा रायने। सुणो तुमें महाराज ॥२॥ राजा कहे सुण मंत्रवी। माहारं वयण प्रमाण ॥ करवं सही तमने घटे । म करो ताणो ताण ॥ ३ ॥ मंत्री मनमांहे चिंतवे । ए केम थाशे काज ॥ एकण दिशे तटिनी वही। एक दिशे मृगराज ॥४॥ मुज नंदन डे कोढियो । सटित पटित जस देह ॥ रूपें रंजा ऊर्वशी । नृप पुत्री गुण गेह ॥ ५॥ एहने ए परणावतां । केम रहेशे मुज लाज॥कांश्क मतिबुद्धि केलवी । बुझें करशुंकाज॥ ॥६॥ श्राराधुं कुल देवता । साधु ए शुज काम ॥ जेम तेम करीने माहरी । रुमी राखं माम ॥७॥ ॥ढाल चोथी ॥ कुंबखमानी देशी॥ ॥एमचिंतवी निज मंदिरें रे।श्राव्यो सुबुझि प्रधान॥सोजागी सांजलो। श्राराधी कुल देवता रे।बेगे एकण ध्यान ॥सो॥१॥ अहमनुं तप आदरी रे। जाप जपे सुविचार ॥ सो० ॥ कृमागरु उखेवीयें रे। दीप धूप घृत धार ॥ सो० ॥२॥ बीजे दिन ते देवता रे । भावी रहि तस पास ॥ सो॥कहो किण कारणे मुज समरी रे ॥ बोली मनने उदास ॥ Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005384
Book TitleMangalkalash Kumar Ras
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShravak Bhimsinh Manek
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1909
Total Pages94
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy