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________________ (ए) जो उंचं होय तो नाश करे. तथा गोलाकारवावं, जे मांदे खुणाखांचा घणापडताहोएथने तेथी, सांकडं होय,एक बेत्रण खुणापडताहोए, दक्षिण दिशा तरफ अने डानी दीशा तरफ लांबु होए, एवं घर वसावq नही.जेघरनांपोतानी मेले कमाड बंध थाए अनेपोता नीमेलेज उघडी पडतां होय ते अशुज जाणवां. चित्रा मण करेल कलशादिकशोनाजेनामुलध्वार उपरहोय तेसुखकारी समजवा (घरना श्रागलना नागउपरची त्रश्रेष्ट गणाय) दोथीथता शुन्नाशुन फलविषे. खजुरी, दामम, केल, कोहली, बीजोरी, एटलां दोजेनाघरनाथांगणामांउगेलाहोयते घरने मुलथी नाशकारक शमजवांजेमांथी बुध करे एवावृदो लक्ष्मी नाश करनार थायडे,कांटावाला वृदोशत्रुनो जय उप जावे,फलवालांवृदो बालकोनोनाश करे माटे ए वृ दोनां काष्ट पण बांधकामनां उपयोगमा लेवा नहीं वली कोश्शाशत्रमा एम कहे जे के घरना श्रागलना जागमा वडवृक्ष होय तोते सारोगणवो, अने जंबर वृ दघरथीजमणे नागेहोयतोसारोगणवो, पीपल वृद घरथी पश्चिम दिशायें होय तो शारो गणवो, अने घर श्री.उतर दिशा तरफ पीपरीवृक्ष होय तोशारी गणवी. Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005382
Book TitlePardeshi Rajano Ras
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShravak Bhimsinh Manek
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1901
Total Pages82
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size7 MB
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