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( 3५ ) माहरे सुपोमुनिरायणवागासाछपढे घन्यभायावाना धन्य धन्य तुम शुश्राय एवाए पन्य घन्य चित्रशाली रसा सन भारोरे,सभउिन भूसतबाररावा ससाघुल पासें सारवाना पीयरियाघ री प्यार वागाउरेसामाथि नित्यप्रत्ये रे, योभासुंवही नया पवागा साधु विहार उरायावागाजेश्याने पथायावागा शानुवे गुश्ल वाटन हवे नथुरे, पूतन्ने बिन नयार पवागा पालेनेवन तवार एवागारान्ने सतीयाशावागा
मशीणामाहेछ जीरे,यावतां नए गारवानाओश्या प्रांसुंधारणवागाधन मसनेहुनो प्यारावागागाउरहुउर मरहेगुरुरायारे, सिंहगुशमुनिलेश रावागारसरणभावागायल्या
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