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तेपर सोपारी तथा श्रीफल चमावq. पछी 'ॐ थावरे तिष्ठ तिष्ठ स्वाहा' एवी रीतनो मंत्रपाठ नणीने तेपर कसुंबी वस्त्र उढामवं. कोरा बलि चढाववा,
आरती उतारवी. पोखj करावq. पछी चैत्यवंदन त्रण थोश सुधि कहेवू. पछी सिद्धाणं बुद्धाणं' नो पाठ कहीने, अधिवासना देवी आराधनार्थ करेमि कामस्सगं' नो पाठ कहीने, तथा एक लोगसनो काउसग करीने, नीचे प्रमाणे थोइ कहेवी. पातालमंतरिद, जुवनं वा या समाश्रिता नित्यं ॥ सात्रावतरतु कुंने, रुचिरेऽधिवासनादेवी ॥१॥
पछी शांतिदेवीनी थोश् कहेवी. पछो नमुत्थूणं कहीने स्तवननी जगोए मोटी शांति कहेवी. पछी जयवीयराय कहीने, 'प्रतिष्ठादेवी आराधनार्य करेमि काउस्सग्गं,' नो पाठ कहीने, तथा एक लोगसनो काउसग करीने, यदधिष्ठिता प्रतिष्ठा, सर्वासर्वास्पदेषु नंदंती ॥ श्रीजिनकुंने सा विशतु, देवता सुप्रतिष्ठमिदं॥१॥ एवी रीतनी थोइ कहेवी. पछी ते कलशने अखंग बदतथी वधाववो. या
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