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________________ चतुर्थः सर्गः १२१ बेटे ते सघला निरीह तथा पोतानां शरीरमां पण निस्पृह थया बे. हवे तमारामां जरत महाराजनी उत्कंठा होवाथी मने वहीं तेमणे मोकलेलो बे. माटे हवे तमो त्यां श्रावो, अने तमारा संगथी तेमने सुख आपो ? केम के बंधुविना तेमनुं राज्य दीपतुं नथी. वली कुलीनोने पोतानो मोटो जाइ तातनी पेठेज पूजनीक होय बे, छाने तमो तेमने नमाथी तमारुं मान पण विशेष थशे. वली ते चक्रीनां चरणोने देवो पण नमे बे, तेथी तेमनी सेवा करवाथी तमोने लगा यशे नहीं. वली 'हुं श्राटला दिवससुधि गयो नथी' एवी शंका तमो करशो नहीं, केम के, ते मोटा जाइ बे, माटे तमारो अपराध क्षमा करशे. वली तमारा संगमयी ते मोटा जाइ सुख पामीने वात्सल्यपणाथी तमोने अधिक राज्य आपशे, तेम तमारुं सर्व कष्टोथी ते रक्षण करशे. वली तमो बन्ने इंद्र ने उपेंद्रनी पेठे, तथा अश्विनी कुमारोनी पेठे, वैरीनां हृदयमां शव्यरूप या थका मलीने राज्य करो ? वली 'ते मारो जाइ वे' एम विचारि तमारे निर्भय धनुं नहीं. केम के अहंकारीने शिक्षा आपवानी दारुण राजनीति बे. वली जूता निमित्तियानुं वृष्टितुं वचन, वरसाद वरसवार्थी जेम निष्फल थाय बे, तेम तमारा विषे जरतने खोटुं समजावनाराउनुं वचन निष्फल थशे. वली जरत महाराजनुं सघलुं सैन्य तो एक बाजु रयुं, पण हाथमां दंड धारण करता एक सुषेण नामना तेमना सेनापतिनुं बल पण रणसंग्राममां कोण सहन करी शके तेम बे ? वली रणसंग्राममां पर्वतोनी पेठे उबलता तेनां चोरासी लाख हाथीउने तथा समुद्रनां मोजांनी पेठे उबलता तेटलाज घोडाउने रोकवाने पण कोण समर्थ बे ? वली तेनां अन्य सैन्योनी तो गणनाज शुं करवी ? केम के, भरत राजानां संग्रामने बलवान इंद्र पण सहन करी शके तेम नथी !!! वली ते जरत महाराजाने इंद्र पण पोतानुं श्ररधुं श्रासन श्रापीने पासे बेसाडेबे, तेवा तमारा मोटा चाइने नमवामां तमोने लगा शानी ? वली तमोने राज्यनी ने जीवितनी पण जो इछा होय, तो जरत महाराजनां चरणकमलने तमो तुरत सेवो ? एवी रीतनां सुवेग दूतनां वचनो सांजलीने बलवान् बाहुबलि पोतानां खजाउपर दृष्टि करता था, तथा ( क्रोधथी ) लाल यांखोवाला थइने तेने कड़ेवा लाग्या के, हे दूत ! Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005362
Book TitleShatrunjaya Mahatmya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShravak Bhimsinh Manek
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1899
Total Pages340
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size20 MB
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