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- ૪ (૧૭) બારમા શ્રી વાસુપૂજ્યસ્વામીતી દેરી
स्तुति 8 विश्वीपकार कीभूत, तीर्थकुत्कर्म-निर्मितिः ।
सुरासुर-नौठ पूज्यो, वासुपूज्य पुनातुवः ॥
वासपज्य गान की टोंक
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