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अर्हनमः
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8-12-08
डॉ. शेफाली बी. शाह द्वारा संपादित पुस्तक "सम्मोस शैलं तमहं सुणामि एक पठनीय पुस्तक है। पूर्वक्षेत्र के कल्याण भूमि "वाराणसी से शिखरजी "तक के तीर्थों का चित्रमय सुंदर परिचय दिया है। तीर्थ के इतिहास का भी परिचय पुस्तके में दिया है। घर में बैठे-बैठे भी पुस्तक के द्वारा भावयामा काला व्यक्ति ले सकता है। पुस्तक का संकलन - संपादन लेखन आदि अनुमोदनीय है।
यह पुस्तक तीर्थयात्रा की भावना को भी जगाता है। डॉ. शेफाली बेन शाह का यह प्रयास प्रशंसनीय है। मुझे विश्वास है कि इस पुस्तक के द्वारा अनेक लोगों को तीर्थ वंदना-स्तवना- आदि करने का लाभ प्राप्त प्राप्त होगा।
पद्मसागरसूि
शाता है
डो. शैशाली जेन..... रजति प्राचीन थी समेतशी जर महातीर्थ सहित रानडे हुज्याकाड भूमि सोनी संपुर्ण बोध विगत भने गीतमय - 1 परिमय प्रथम प्राशीत थर्थ रह्यो हे. खाटतां सुंदर झेटोगाई श्रेष्ठ सोनी सुंदर ब्धी अरे अर
सर्व
विज्ञन खने प्रभु परमात्माअनुमोहनीय है,
शत्रुच्या शेजेश्वर
आदितीर्थो नी जुडो हामी नेबामणी पण शीजरबु सने हत्याराको उपर प्रकाशीत साटली साकीयो निर्विवाह हो
या जुई हशे
तमारा रजा प्रकाशन द्वार्य थी आस. सज्जीने साधु-साधी लगवंतो ने दर्शन सने भगडारी उपयोगी
जनशे
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जावा शुलार्यो तमांरा खारा निरंतर जेवि शुभेच्छा.पू. मालनी कासाथी
विश्वरती कापड
999009000
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