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सालों में राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, क
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જિન શાસનનાં चोला पहनकर बीते ३५ वर्षों से जनसेवामें जुटे आचार्य इसकी एकमात्र वजह यही है कि वे जीवन में धर्म और चंद्रानन सागर धर्म के मर्म को समझाने के साथ ही शिक्षा तपस्या कोजितना महत्व देते हैं. शिक्षा को भी उसी की के विकास में अपने योगदान के अलावा जन-जन को बराबरी में मानते हैं क्योंकि उनकी राय में-'शिक्षा पढ़-लिखकर जीवनका मर्म समझा रहे हैं। बीते ३५ एकमात्र साधन है जिसके जरिए धर्म के मर्म और
राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु जीवन के धर्म को आसानी से समझा जा सकता है।' और आंध्र प्रदेश की धरती पर करीब डेढ़ लाख से ज्यादा बीते दस वर्षों का हिसाब लागाया जाए तो आचार्य पदयात्रा कर चुके आचार्य चंद्रानन सागर सूरिश्वर महाराज चंदानन सागर सरिश्वर महाराज की कोशिशों से स्थापित जहाँ भी गए वहाँ सत्कर्म की शिक्षा देने के साथ ही एवं उनके श्रद्धालओं द्वारा संचालित विभिन्न संस्थाओं जरूरतमंद वर्ग की सहायता करके उनका जीवन स्तर द्वारा पांच लाख से ज्यादा जरूरतमंद लोगों को शिक्षा, उठाने की कोशिश उनका पहला उद्देश्य रहा। अपनी इन्हीं चिकित्सा एवं सामाजिक विकास की सुविधाएं उपलब्ध कोशिशों के तहत बीते ३५ सालों में आचार्य चंद्रानन कराने के अलावा ५० लाख से ज्यादा पशुओं के जीवन सागर सूरिश्वर महाराज १० हजार से ज्यादा जरूरतमंद को बचाने की कोशिशें की गई हैं। राजस्थान ही नहीं परिवारों के बच्चों को रोजगार दिलाने का काम कर चुके
गुजरात, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत की गौशालाएं इस हैं। कमजोर वर्ग के परिवारों के प्रतिभाशाली छात्रों की बात की गवाह हैं कि आचार्य चंद्रानन सागर सूरिश्वर उच्च शिक्षा के लिए हाल ही में शुरू हुआ उनका महाराज ने पश कल्याण के कितने मजबत काम किए अभियान अब तक पांच सौ से ज्यादा युवक-युवतीओं हैं। राजस्थान के सुमेरपुर में विशाल भगवान महावीर को सहयोग कर चुका है।
चिकित्सालय के आधुनिकीकरण एवं विस्तार का कार्य शिक्षा का क्षेत्र आचार्य चंद्रानन सागर सूरिश्वर आचार्य चंद्रानन सागर सूरिश्वर महाराज की कोशिशों से महाराज का सबसे प्रिय विषय रहा है। राजस्थान, लगातार विकसीत हो रहा है तो कर्नाटक के मैसूर में गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में आचार्य पांच एकड़ जमीन पर महावीर दर्शन अस्पताल हाल ही की प्रेरणा से बीस से ज्यादा शैक्षणिक संस्थाए संचालित में शुरू हुआ है। पोलियो शिबिर, नेत्र चिकित्सा शिबिर हैं। इनमें से १० संस्थाएं स्कूल, कॉलेज और छात्रावास एवं दंत चिकित्सा शिबिर सहित जरूरतमंद वर्ग के लोगों का एक साथ संचालन करती हैं। आचार्य चंद्रानन के लिए हर इलाज मुफ्त में करने की प्रेरणा उन्होंने चेन्नई मानते हैं कि शिक्षा के बिना सर्व कल्याण की कोशिशों के युवाओं को दी तो यह आदेश उन्होंने एक यज्ञ की को नयी दिशा नहीं दी जा सकती साथ ही विकास की तरह स्वीकारा और सन २०० से यह सेवाकार्य लगातार गति को भी तेज नहीं किया जा सकता। यही कारण चल रहा है। चेन्नई, बैंगलोर, मुंबई, मैसूर, पालीताणा, है कि आचार्य चंद्रानन सागर सूरिश्वर महाराज का विशेष अमदावाद, सुमेरपुर और विभिन्न स्थानों पर चिकित्सा ध्यान सिर्फ शिक्षा की तरफ है। उनकी कोशिशों से ट्रस्ट आचार्य के सान्निध्य में संचालित हो रहे हैं। जहाँ मुंबई में एक अत्याधुनिक कॉलेज और स्कूल का लाखों लोगों को हर साल मुफ्त एवं रियायती दरों पर सपना आकार ले रहा है तो लोनावाला में एक कॉलेज, चिकित्सा सुविधाएँ हासिल हैं। युवा वर्ग में आचार्य एक स्कूल और एक छात्रावास के निर्माण की प्रक्रिया चंद्रानन सबसे ज्यदा लोकप्रिय संतों में शिखर पर हैं और शुरू हो चुकी है। आचार्य चंद्रानन अगर आज के संतों शिखर की मजबूरी यह है कि कोई एक ही रह सकता में सबसे क्रांतिकारी संत के रूप में विख्यात हैं तो है। आचार्य चंद्रानन उस शिखर पर बिराजमान हैं तो
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