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• त्रिशि५४२५॥ तथा 'नयत' व्याध्यामा विदा पर्थोनी याही . (४) लीलोन्मुक्ति १४०१, १४०२
तत्त्वधर्मयोनि १३९३ (५) सत्पदा १४०१, १४०२
तत्त्वशुश्रूषा १००८, १४००, १४९३-१४९५, (६) आनन्दप्रदा १४०१, १४०२
१४९९-१५०१, १५०४, १५२७ (७) परात्परा १४०१, १४०२, १६८८ तत्त्वश्रवण
१४९४, १४९६, १५००-१५०१, ज्ञानयज्ञ जुओ यज्ञ
१५०४-१५०५, १५१७, १५४०, १५४९ ज्ञानयोग ७२२, ११०६, १२७९, १२८१, १२८८- तत्त्वश्रवणफल १५१९-१५२१
१२९२, १३६०, १३९५, १४०१, १५०३, | तत्त्वसंवेदनज्ञान जुओ ज्ञान (विषयप्रतिभासादि) १५९९, १६१०-१६११, १६२२, १६३२, | तत्त्वसंवृत्ति जुओ संवृत्ति १६६०, १६६९, १६८८-१६८९, १७६९, तत्त्वसंस्कार जुओ संस्कार १८३३, १८३५-१८३७, १९१८, १९३०, तत्त्वाभिनिवेश ६८५, ६८६, ९९९, १३०९२०९६ + जुओ योग (अवशिष्ट)
१३१०, १४११, १५५७ ज्ञानविनय जुओ विनय
तथाता
१५९४, १५९५ ज्ञानवृत्ति
७७५, १०५६ | तथाभव्यत्व १२२, २२०, ७०८, ८८३, ९१३, ९४८, ज्ञानशक्तिद्वय ८११
१०१६, १०२५-१०२८, १०३१, १२०४, ज्ञानस्वरूपसमाधि जुओ समाधि (निरालम्बनादि)
१३०८, १३७६, १४३९-१४४१, १४६१, ज्ञानसंन्यास (ज्ञानसंन्यासी) १२८९
१४६९, १६०५-१६०६, १६१९, २१०३ ज्ञानसम्पत् ६५४
| तथाभव्यत्वपरिपाक ८८३, १४४०-१४४१, १४६९ ज्ञानात्मा जुओ आत्मा (द्रव्यादि) तद्धत्वनुष्ठान जुओ अनुष्ठान (विषादि) ज्ञानाद्वैतदेशना जुओ देशना
तनुक्लेश जुओ क्लेश (पातञ्जल) ज्ञानाद्वैतदेशनाप्रयोजन १५९९
तनुमानसी योगसाधना जुओ कर्मयोग (वैदिक) ज्ञानाद्वैतवाद जुओ वाद
५०९-५२१, १८७७-१८७९ ज्ञानाद्वैतवादी जुओ वादी
तप (पूर्वसेवा) जुओ -पूर्वसेवा ज्ञानिलक्षण १९७१
तप (शारीरादि) ज्योति जुओ परंज्योति
(१) शारीरतप ५१८, ८३५, १४७८ ज्योतिष्मती प्रवृत्ति जुओ प्रवृत्ति
(२) वाङ्मयतप ५१८, १४७७-१४७८, १९६६ ज्योतिष्टोमयज्ञ जुओ यज्ञ
(३) मानसतप ५१८, १४७८
(४) बालतप ४३०,४९३,५२३,१३८७-१३८९ (१) नैयायिकमान्य तत्त्व
७९२
(५) सात्त्विकतप १४७८ (२) वैशेषिकमान्य तत्त्व ७९२
(६) राजसतप १४७८ (३) साङ्ख्यमान्य तत्त्व ७९२
(७) तामसतप १४७८ (४) पातञ्जलमान्य तत्त्व ७९२, १३२७ । (८) अच्छिद्रतप १४७८ (५) वराहोपनिषदुक्त तत्त्व ७९२
(९) द्वादशविधतप ५१८, १८८४ तत्त्वजिज्ञासा
(१०) अविरततप ४०२ तत्त्वदृष्टि १६५३
५१६, ५१७
तप
तत्त्व
| तपःफलम्
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