SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 730
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ નવકારવાળી અને તેના ૧૦૮ ગુણ. समाविवंत परिष हसह वैराग्यवंत अनंत दान अनंत ज्ञान समचोरस संस्थान अनंत चारित्र समावंत चारित्रयंत गुरसम्यन्वी अचाण अनंत तप सेबचोत्रीश अतिशय झॉन युरिकर एक सहस्त्र आठ उनम लक्षण सर्य रन्द्र पूजनीक-अठार दोष मक्त वज भाषभ नाराच संघेण अनंत सायिक समकित अनंत बल-वीर्य करण सिनरीयुक्त गत ध्यानी अ.पांत्रीश वाणी गुण । निर्मल भावी काय निग्रह वचन निग्रह अनमो सिहाण सित -मनो निग्रह अनंत दर्शी अनंत ज्ञानी लोभ त्याग माया त्याग मान त्याग मोलाएसव्यसाहणं अनंत शक्ति अदोष क्रोध त्याग गध जय निराकार अजरामर आचार्य रस जय रुप जय स्पर्श जय अगरु लघ. वेदनारहित सोम त्याग माया त्याग मान त्याग कोपत्याग नख केशादि शोमा त्याग . अन्याहार त्याग रिकारी खोराक त्याग शब्द जय सर्वथा अपरियही सर्वथा बसचारी सर्वथा अदत्त त्यागो सर्वथा सत्य वक्ता सर्वथा अहिंसक काय योग जय पचन योग जय पूर्याश्रम स्वीकथा त्याग सी गाना दिल त्याग उपाध्याय मन योग जय कपी सि हि संपत्र विद्या मंत्रज्ञ क्षमावंत निमित्नश जी आंगोपांग नि त्याग स्विी संग त्याग स्वीकया त्याग स्वी यास त्याग न्यायी धर्मोपदेशक सर्वमत शालश चरण सितेरीश नक्रयश त्यक वश बोत्रे वश चस यश जिदावश करण सिनेरीश २ नमो आयरियाणा नमो उवझायाणं दृष्टि यादश विपाक-जीश पश्न व्याकरणश काय गुमि वचन गनि अनुत्तरी विवाईश साप अंतगढ दशोगज मन गप्ति उपासक दशांगश AAD भाषा समिति पारिष्य पनिका समिति इर्या समिनि वीर्याचार तपाचार चारित्राचार झाना जीक्ष दर्शनाचार शानाचार आदान निक्षेपण समिति परिग्रह संदा त्याग मैथुन त्याग ठाणा गश अन्त त्याग मचायाद त्याग जीय हिंसा याग आचारांगश सूर्य गडांगश समवायांगज्ञ विषाहा पत्रतिश એક અક્ષરે સપ્ત સાગર, પદથી પચાસ જાય; પૂણ નવકારે પાંચસો, સાગર પાપ પલાય, Education international माटा स-सावनग२. For Private &Personal use only www.jainelibralysorg
SR No.004883
Book TitleKarpur Kavya Kallol Part 5 6 7 8
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLalitvijay
PublisherKarpur Pustakalaya Samo
Publication Year
Total Pages972
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size15 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy