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मंखनो अभिप्राय जाणीने पूर्वे जोएल चक्रवाकना जोडा, जेमां चित्र छे एवं चित्रफलक तैयार करावीने मंखने आप्यु, साथे भातुं पण बंधाव्यु, पछी ते मंख ते चित्रफलकने हाथमा राखीने एक सहायक साथी साथे नगर, पुर, खेट, कर्बट, मडंब वगेरे संनिवेशोमां आशारूप पिशाचना वळगाडना नडतरने लीधे क्याय विसामो लीधा विना निरंतर भमवा लाग्यो.
चित्रफलकने ऊचुं करीने ते घरे घरे देखाडवा लाग्यो अने ज्यां त्रण रस्ता भेगा थाय छे तेवे स्थाने तथा चार रस्ताना भेटाने स्थाने, चतुर्मुख रस्ताओ उपर, तथा मोटा मार्गों उपर, लोको ज्यां.पाणी पीवा आवे छे तेवी परबोमां, चोराओमां अने देवळोमां एम सर्व स्थानोमां चित्रफलकने देखाडवा लाग्यो. १.
लोको ए चित्रफलकमां चितरेला चक्रवाकना जोडाना ते प्रकारना भाववाला चित्रने जोईने कुतूहळने लीधे मंखने ए बिशे यूछवा लाग्या अने ते जे बात बनेल छे तेने बराबर लोकोने समजाववा लाग्यो. २.
हवे ते आ जातनी एकनी एक पोतानी वातने सविस्तर निरंतर कहेवाथी थाकी जवाने लीधे पोतानी वातनो सार संक्षेपमां जेमां समायेल के एवी द्विपदी नामनी कविता द्वारा पोतानी वात लोकोने संभळाववा लाग्यो अर्थात् पोताना वातना दोहरा गावा लाग्यो. ३.
जेमके मानस सरोवरमा एक चक्रवाकनुं जोडुं छे, जे परस्पर प्रौढ प्रेमना रागथी रंगायेल छे, आंखना मटका जेटलो समय पण विरह पडे
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