________________
प्रकाशक-श्री हेमचन्द्राचाये जैन ग्रन्थमालाना। संपादक मंत्री पंडित भगवानदास हरखचंद
-
-
-
प्रथम आवृत्ति प्रत १०००
वि. सं. १९८५
मुद्रकः-प्रथम पृष्ठथी आरंभी। १३६ पृष्ट सुधी लीबडी श्री जसवतसिंह मुद्रणालय अने | बाकीना भागना सूर्यप्रकाश मुद्रणालयना आधिपति मुळचंदभाई त्रिकमलाल.
-
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org