________________
संखित्त-तरंगवई-कहा (तरंगलोला)
पादलिप्ताचार्यकृत'तरंगवई संक्षेपः (प्राचीनकविनिबद्धः) गूर्जरभाषानुवादसहित:
संपादक-अनुवादक है. बू. भायाणी
तरमा
प्रकाशक
लालभाई दलपतभाई भारतीय संस्कृति विद्यामंदिर, अमदावाद-९
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org