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________________ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org मादेवदेवाय दिनु सिसु च भय समतोरणा नगरे उन साउ वरंग लोन विषय मलिला दिलासानाएं एडमिलिय वियो का सिरसा हूं सरकार नय महीएजी) करदरा मयाविना महिला मकसिमरा उपादो विद्यारणामापापाणिरस्या हितामिया हि माता कहावे विप्रायदि सायलेन्या मालारामार्गावललाई भिसाको पोरीच्या काडर मिसारणा । इयरजणोतीएर्काउ क्विशकथाएमाऽयराशा हियाए। माहाही सव जिविसाल निवासमिया पावसा समणातिदिदेवश्य पशिता सियाज हिदेवा शातिपुत्र कला राहवता विदिद्याविभूणामविनय पतियार साह हा १२यायय नक्षत्रक जश्न 56 दिन सिवासानमविश्यंभाए दिदि ॥ समिद्धात् शाम महानाम was कारिपारि पनामानि स्वाशावा सावधयपरवतो जाम यथासंपयममउविला तर रमाकाकाक्ष रायगिनुपमा मरनगरे व गाठवि महाउपालिकामा हाविवान एतविधितिरखामितिया मनका कामलीला पुराखाया नभ उडेबाना उपाश्रयना उपविश्य चैन लडारनी संखित्त-तर गवई - कहानी स्तप्रतनुं प्रथम पत्र (खो पृ० २८७ )
SR No.004633
Book TitleSamkhitta Taramgavai Kaha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorH C Bhayani
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1979
Total Pages324
LanguageGujarati, Sanskrit
ClassificationBook_Gujarati & Literature
File Size13 MB
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