________________ 93 // 2 // अथात्मनेपदि // इङ अध्ययने, अधीयाते अध्यैष्ट // 1 // वाऽद्यतनीक्रियातिपत्त्योर्गीङ् इङः / अध्यगीष्ट // 2 // गाः परोक्षायाम् इङ / अधिजगे, शीङ् स्वप्नो / शीङ ए: शिति, शेते // 3 // शीङो रदन्तः / शेरते / षूङ प्रसवे, सुवाते // 4 // सूतेः पञ्चम्यां न गुणः / सुवै, इडि स्तुतौ, इट्टे / / 5 / / ईशिडः सेध्वेस्वध्वमोरादिरिट् / इडिषे, ईरि गतिकम्पनयोः, ईर्ते / ईशि एश्वर्ये, ईशिध्वम् / आङ शासूङ् इच्छायाम, आशा स्महे / आसि उपवेशने / चक्षि व्यक्तोक्तौ / // 6 // चक्षो वाचि क्शांग ख्यांगशिति / चक्शे ख्यासीट // इत्यात्मने पदं / / 2 / / // 3 // अथोभयपदि // ऊर्जुग आच्छादने / / 1 / / वोोयञ्जनादौ विति औः ऊणाति ऊोति / / / / न दिस्योः / और्णोत् // 3 // स्वरादेद्वितीयः / एकस्वरोऽशो द्विः // 4 // न बदनं / संयोगादि द्विः // 5 // अयि रो न द्विः ऊर्णनाव / 6 / वोर्णोरिड् द्वित् / ऊर्गुनुविथ ऊर्णनविथि / / 7 // वोर्तुगः / सेटि सिचि वृद्धिः, और्णावीत् और्णवीत् / ब्रूग व्यक्तोक्तौ / / 8 / / ब्रूतेः परादिळजनादौ / वितीत् ब्रवीति / / 9 / / बूग: पञ्चानाम् / तिवां पञ्च णव