________________ द्वितीयो देवविभाग: ...36 अच्युत 27 प्रात्मभू१२८ चैत्र, यज्ञनेमि।२६ बलिन्दमः३० / शश'३१-सुवर्णबिन्दू'७२ वै, वासवावरज' 33 स्तथा // 290 // लोहिताक्षो' 34 लतापर्णः 135, गोपेन्द्रो'३६ ऽसंयुतो'३७ ऽव्ययः१३८ / गोवर्धनधरो१३६ वेधाः१४०, धार 41 श्च धरणीधरः 142 // 26 // लतापर्णो 143 लतावर्ण:१४४, कपिलः१४५ पाण्डवायनः१४६ / पृश्निशृङ्गः१४७ शरु:१४८ शा8१४६, . गरुडाको 150 गदाधरः१५१ // 292 // दामोदरो' 52 मुकुन्द 153 श्व, ऋतुधामाऽ१५४ प्यधोमुखः१५५ / प्रासादः१५६ सोमसिन्धु१५७ श्च, शलिक:१५८ शिलिकाजित:१५६ // 23 // तीर्थयाद१६० स्तथा लक्ष्मी-नाथ६१ श्चक्रपाणिः१६२ कपि:१६३। पद्मगर्भ१६४ स्तथा भद्र-कपिल'६५ श्च प्रमर्दनः१६६ // 264 // पृश्निगर्भ६७ श्च हिरण्य-केशो१६६ यज्ञधर'७० स्तथा। एकाङ्ग१७१ एकशङ्ग१७२ श्च, विश्वम्भरो१७३ जलेशयः१७४ // 29 // सुभद्रो१७५ वासुभद्र 176 श्च, विश्वरूप१०७ स्तथैव च / वनमाली१७८ सदायोगी१७६, यवनारि'८० रुदाहृतः // 26 // पुन हिरण्यनाभ.८१ इच, रुद्र कपिलनामक:१८२ / लक्ष्मीनाथः१८3 स एवास्ति, विष्णुनामानि चिन्तयेत् // 297 //