________________ द्वितीयो देवविभागः ____ 37 श्वेतपत्ररथ६ श्चापि, हिरण्यगर्भ४०-हंसगौ४१ / विरिच४२ श्च विरिञ्चि४३ वै, विरञ्चि४४ श्चापि विश्वसृट्४५ // 274 // क्षेत्रज्ञ६ श्चापि लोकेश:४७, सुरज्येष्ठ 8 स्तथैव च / प्रजो ऽष्टश्रवण५० श्चेति, सन्ति नामानि ब्रह्मणः // 275 // ___ * विष्णुनामानि * विष्णु' जिष्णु जगन्नाथो, जह, नु, र्बभ्र 5 श्चतुर्भुजः / अक्षजो ऽधोक्षजो मा| . विधु'" जिनो'१ जनार्दनः१२ // 276 / / ता_ध्वजः 3 शतावर्तो४, जलशयो'५ जलेशय:१६ / धीरो' ब्धिशयनो१८ धन्वी६, _ सुधन्वा२० विष्टरश्रवा.२१ // 277 // उपेन्द्रः२२ पुण्डरीकाक्ष:२३, पुरुष:२४. पुरुषोत्तम:२५ / पीताम्बरः२६ पराविद्धः२७, पुराणपुरुष२८ स्तथा // 278 // श्रीपति:२६ पद्मनाभ3 deg श्च, पुण्यश्लोको 1 ऽपराजितः३२ // एकपाद्?3 द्विपद३४ स्त्रिपाद्३५, तीर्थपाद:३६ पराक्रमः // 27 // श्रीगर्भ:37 श्रीधरः३६ सोमः४०, श्रीवत्सः४१ श्रीकर४२ स्तथा। श्रीवराहो 43 वृषोत्साहः४४, श्रीवत्साङ्क:४५ सरीसृपः४६ // 280 // नवशक्ति 7 नवव्यूहः४८, चतुर्दूहः 6 सुयामुन:५० / प्रासन्द५१ श्च शतानन्द:५२, नारायणो५३ नरायणः५४ // 281 //