________________ द्वितीयो देवविभागः तद्धनुः स्याद् पिनाक' चा ऽजकावा ऽऽजगवौ3 तथा। प्रजगाव मपि प्रोक्त, ब्राह्म याद्याः सप्त मातरः // 244 // ब्राह्मी' माहेश्वरी सिद्धी, कौमारी वैष्णवी तथा। वाराहो' चापि चामुण्डा , ज्ञेयाः सदैव मातरः // 24 // प्रमथाः' पार्षदा स्तस्य, पारिषदाः गणाः स्मृताः / ___* अष्टसिद्धिनामानि * प्राकाम्यं' वशिते शित्वं, लघिमा महिमा ऽणिमा // 24 // यत्रकामावसायित्वं, प्राप्ति रैश्वर्यमष्टधा। __ * पार्वतीनामानि * पार्वती' तामसी चण्डी', कुमारी रेवती जया // 247 // मृडानी बाभ्रवी क्षेमा', जाङगुली' यादवी११ वरा' / नकुला' 3 नन्दिनी'४ नन्दा'५, . नन्दंपुत्री१६ निरञ्जना // 248 // सुनन्दा 8 नन्दयन्ती१६ वै, नीलवस्त्रा२० घनाञ्जनी'। . प्रार्या२२ कात्यायनी दुर्गा२४, प्रगल्भा२५ कृष्णपिङ्गला२६ // 24 // प्रकूष्माण्डी च रुद्राणी२८, भवानी' 6 सर्वमङ्गला / अर्पणा 1 त्र्यम्बका३२ कृष्णा33, कौशिकी 4 गौतमी३५ शिवा // 250 //