________________ ( II ) 9 ॐ ह्रीं अहं नमः // श्री नेमि-लावण्य-दक्ष-सुशीलग्रन्थमाला रत्न ५०वां // TAIT शासनसम्राट-परम पूज्याचार्य महाराजाधिराज श्रीमद्विजयनेमिसूरीश्वरजी म. सा० के पट्टालङ्कार-साहित्यसम्राटपरमपूज्याचार्यप्रवर श्रीमविजयलावण्यसूरीश्वरजी म० सा० के पट्टधर-कविदिवाकर-परमपूज्याचार्यवर्य श्रीमद्विजयदक्षसूरीश्वरजी म. सा. के पट्टधर जैन धर्मदिवाकर-परमपूज्याचार्यदेव श्रीमविजथसुशीलसूरीश्वरजी म. सा० विरचित 'सुशीलनाममाला' ग्रन्थ की सम्मतियां। // // ॐ -: प्रकाशक :आचार्य श्रीसुशीलसूरिजनज्ञानमन्दिर शान्तिनगर-सिरोही [मारवाड़] राजस्थान.