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________________ सुशीलनाममालायां शुद्धिपत्रम् शुद्धम् श्लोक संख्या 2647 अजिह्मः . 2712 1278 2312 1528 2512 अशुद्धम् अजिह्रः अन्योऽन्यक्तिः अन्विष्ट अभिरुपः अद्धन्दुवै अलर्को: अवदशः अविकार्य प्रष्ठादश प्रसार पाकुल आश्चर्य प्रात्तगन्ध प्रावासः प्राशयाशः इन्द्रसुरस उपन उर्ध्वक्षिप्त उस्ट्र: कथ्यते कमकर: अन्योक्तिः अन्विष्टं अभिरूपः अद्धन्दुवै अलर्को अवदंशः अविचार्य अष्टादश असारं . आकुलं ग्राश्चर्य पुनरुक्तिः पूनरुक्तिः आश्रयाशः इन्द्रसुरसुः उपनतं ऊर्ध्वक्षिप्तं 2332 2627 2677 446 .668 1668 1617 2040 2718 2664 2267 226 135 उष्ट्रः कथ्यन्ते कर्मकरः
SR No.004481
Book TitleSushil Nammala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaysushilsuri
PublisherSushilsuri Jain Gyanmandiram
Publication Year1988
Total Pages878
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size36 MB
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