________________ - - - * अई नमः // * प्रातःकालीन प्रमु प्रार्थना* ॥मलाष्टकम् // मलं सिद्धच , मऊलं परमेष्ठिनः / मङ्गलं ऋषभो देयो, मशालमजितो निन: // 1 // महलं सम्मेवोनायो, मालमिनन्दनः / मझालं सुमतिस्वामी, मद्यप्रमे यमझलम्॥२॥ मझलं श्रीगुपायो बै, चन्द्रप्रमेा समालम् / मकल सुविधि देवो, मङ्गलं शीतलो जिनः // 3 // श्रेयांसो मझल श्रेष्ठो, वासुपूज्य च मकालम् / मकालं विमलो देवो, जिनोऽनन्तोऽपिमङ्गलम् // 4 // मऊलं धर्मनाथः श्री-शान्तिनाथश्च मझलम् / मऊलं कन्यनाथो चै, जनाधोऽपि मालम्॥ माल मल्लिनाथो वै, मालं मुनिसुव्रतः / मङ्गलं नमिनाथः श्री, नेमिनाथश्च मझलम्॥६॥ मङलं पाश्विनधिः श्री-महावीर श्य मझलम् / मऊलं गौतमस्वामी, सुघोद्यपि मझलम् // 7 // मङलं स्थलमेद्राया, गुरुदेवा च मालम् / मझाले श्रुतदेवी चें, जैनधमोऽस्तु मझलम् // // यो मलाष्टकमिदं सुप्रभातफाले, . नित्यं च निर्मलमनः शुचिधारधीते | समाग्यशीलकलितो इतसर्वविघ्नो, विश्वे स मङलमलं लभेते सुशीलः॥९॥ // श्रीरस्तु // शुभं भवतु श्रीसंघस्य / [रचयिता - विजय सुशीलसरिः / - -