________________ ज्ञ ]. सुशीलनाममालायां ___ इस ग्रन्थ को 'प्रस्तावना' प्रोफेसर श्री सोहनलालजी पटनी सिरोही वालों ने प्रौढ भाषा में सुन्दर लिखी है, इसलिए हम उनके भी आभारी हैं। प० पू० प्रा० म० सा का संक्षिप्त परिचय लिखने वाले विधिकारक श्री मनोजकुमार बाबूलालजी हरण के भी हम प्राभारी हैं। इस ग्रंथ के सम्बन्ध में अपनी अपनी तरफ से सुन्दर अभिप्राय देने वाले पू० प्राचार्य महाराजादि मुनि भगवन्तों का, विद्वानों और प्रोफेसरों आदि का भी हम आभार मानते हैं। इस विशालकाय ग्रन्थ प्रकाशित करने में द्रव्यं सहाय दाता भाई-बहनों को धन्यवाद देते हैं।