________________ सर्जक: सम्पादकश्च प्रेरक : / जैनधर्मदिवांकर-शासन रत्नप०पू० प्राचार्यदेव श्रीमद् है / तीर्थप्रभावक - राजस्थानविजयसुशीलसूरीश्वरस्य दीपक - शास्त्रविशारद - शिष्यरत्न स्व० पू० मुनि है / साहित्यरत्न - कविभूषणेति - श्रीदेवभद्रविजयः पदसमलङ्कृतो विजयसुशीलसूरिः www. है श्री बीर सं० 2504 . है ... विक्रम सं. 2034 ई नेमि सं० 26 है , ,प्रतियें : 1000 प्रथमावृत्तिः 1 मूल्यम् : रु० 25)00 ~~wwwvvvvvvvvvu. प्रकाशक : माचार्य श्री सुशीलसूरि जैन ज्ञान मन्दिरम् शान्तिनगर, सिरोही (राजस्थान) मुद्रक : 1 श्री जगदीशचन्द्र स्वर्णकार // अजन्ता प्रिण्टर्म त्रिपोलिया बाजार, जोधपूर (राज.)