________________ देना चाहिए अन्यथा ज्ञान द्रव्य के भक्षण का दोष लगेगा। (4) ज्ञान द्रव्य से बंधे हुए मकान में ज्ञान भक्ति पठन पाठन पूजादि के कार्य किये जा सकते हैं लेकिन साधु साध्वी श्रावक श्राविका रहेठान संथारा वगेरे कोई भी अंगत कार्य में इस मकान का उपयोग नही कर सकते। संसार के व्यवहारिक शिक्षण में यह ज्ञान द्रव्य का उपयोग नही कर सकते तथा धार्मिक श्रावक श्राविका की पाठशाला में पाठशाला के मकान में पाठशाला के पगार में तथा पाठशाला के प्रतिक्रमणादि के धार्मिक पुस्तक लाने में भी उसका उपयोग नही हो सकता! पुस्तक बेचने वाले जैन व्यापारी को नही दे सकते। धार्मिक शिक्षण खाता-पाठशाला खाता-यह साधर्मिक श्रावक श्राविका की ज्ञान भक्ति का साधारण खाता गिना जाता है यदि श्रावक श्राविकाओ ने अपना द्रव्य अपने धार्मिक अभ्यास के लिए समर्पित किया होवे तो इसमें से पगार देकर श्रावक पंडीत रख सकते हैं उस पंडीत का लाभ साधु आदि चारों प्रकार का संघ ले सकता है धार्मिक पुस्तके तथा इनाम वगेरे भी इसमें से दे सकते हैं परन्तु ये पैसे व्यवहारिक शिक्षण में किसी भी प्रकार से उपयुक्त नही किये जा सकते।