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________________ श्री दयालशाह किला जैन श्वे. तीर्थ कांकरोली - राजसमन्द के बीच राजसमन्द झील के किनारे सुंदर पहाडी पर तिमंजिला विशाल प्राचीन चौमुखा आदि जिन.प्रासाद, 2200 वर्ष प्राचीन पुंडरीकस्वामी, शांतिजिन मंदिर, सम्मेतशिखर, तलहट्टी मंदिर, गुरुगौतम मंदिर दर्शनीय हैं / भोजनशाला, उपाश्रय, धर्मशाला आदि सुंदर व्यवस्था है। पत्र व्यवहार - श्री दयालशा किला जैन तीर्थ पेढी दयालशा मार्ग. पो - राजसमंद (राजस्थान) पिन. 313326 फोन - 2049 एक्स - कांकरोली मंदिर का जीर्णोध्दार चल रहा है। देवद्रव्य के सदुपयोग करने का सुवासालै .. शास्त्रवचन महावारवाणी नवीनचैत्य विधाने, यत्पुण्यं प्रकीर्तितम् / तस्मादषगुणं पुण्यं, जीर्णोद्धारण जायते // अर्थ - नया जैन मंदिर बनाने में जितना पुण्य होता है / उससे आठ गुना पुण्य जीर्णोद्धार कराने से होता है। E
SR No.004475
Book TitleSavdhan Devdravya Vyavastha Margadarshak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVichakshansuri
PublisherKumar Agency
Publication Year1994
Total Pages34
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Devdravya
File Size3 MB
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