________________ ( 28 ) धर्मस्वभावाद्धर्मो-गर्भे माताऽपि धार्मिकाऽधिकम् 16 / शान्तिकरणाच्छान्ति-देशेऽशिवोपशमकरणात् (16) // 115 // कुंथुत्ति महीइ ठिओ, भूमीठिअरयणथूभसुविणाओ। 17 / वंसाइबुड्डिकरणा, अरो महारयणअरसुविणा 18 // 116 // कुन्थुरितिमह्यां स्थितो-भूमिस्थितरत्नस्तूपस्वप्नतः 17 वंशादि वृद्धिकरणा-दरो महारत्नांकरस्वप्नात् 18 // 116 // मोहाईमल्लजया, मल्ली वरमल्लसिजडोहलओ 19 / मुणिसुबओ जहत्था-भिहो तहंबावि तारिसीगन्मे 20 // 117 // मोहादिमल्लजया-मिल्लिर्बरमाल्यशय्यादोहदतः 18 / . 'मुनिसुव्रतो यथार्थाऽ-भिधस्तथाम्बाऽपि, तादृशी गर्भे 19 // 117 // रागाइनामणेणं, गम्भे पुररोहिनामणाउ नमी 21 / दुरिअतरुचक्कनेमी, रिट्ठमणीनेमिसुविणाओ // 22 // 118 // रागादिनामनेन, गर्भे पुररोधिनामनान्नमिः 21 / . . दुरिततरुचक्रनेमी-रिष्टमणिनेमिस्वप्नतः 22 // 118 // भावाण पासणेणं, निसिजणणीसप्पपासणा पासो 23 / नाणाइधणकुलाई-ण वद्धणो वद्धमाणो य // 24 // 119 // * भावानां दर्शनेन, निशि जननीसर्पदर्शनात् पार्थः 23 / . . ज्ञानादिधनकुला-दीनां वर्द्धनो वर्द्धमानश्च 24 // 119 //