________________ दयासमो न य धम्मो, अन्नसमं नत्थि उत्तम दाणं / सच्च समा न य कित्ती, सीलसमो नत्थि सिंगारो // 396 // पंथसमा नत्थि जरा, दालिद्दसमो य पराभवो नत्थि / .. मरणसमं नत्थि भयं, खुहासमा वेयणा नत्थि // 397 / / न सा जाई न सा जोणी, न तं ठाणं न तं कुलं / न जाया न मुआ जत्थ, सब्वे जीवा अणंतसो // 398 // दसविहवेयण निरये, सीउण्हखुहपिवासकंडू य / भयसोगपारवस्सं, जरा य वाही य दसमो य // 399 / / देवा विसयपसत्था, नेरइया विविहदुक्खसंजुत्ता / तिरिया विवेगविगला, मणुआणं धम्मसामग्गी // 40 // जयणा य धम्मजणणी, जयणा धम्मस्स पालंणी चेव / तववुढिकरी जयणा, एगंतसुहावहा जयणा // 401 / / अलसो होउ अकज्जे, पाणिवहे पंगुलो सया होइ / परनिंदासु य बहिरो, जच्चन्धो परकलत्तेसुं // 402 // एगो जायइ जीवो, एगो मरिऊण तह उवज्जेइ / . ऐगो भमइ संसारे, एगो चिय पावए सिद्धिं // 403 // सव्वे वि दुक्खभीरु, सव्वे वि सुहाभिलासिणो जीवा / . सव्वे वि जीवणप्पिया, सव्वे मरणाओ बीहेन्ति // 404 / / कत्थ वि धणं न दाणं, कत्थवि दाणं न निम्मलं वयणं / धणदाणमाणसहिया, ते पुरिसा तुच्छ संसारे // 405 / / कत्थ विफलं न छाया, कत्थ वि छाया न सीयलं सलिलं / / जलफलछायासहियं, तं चिय सरोवरं विरलं // 406 //