________________ भवभावना (8) जलहिं पविसेमि महिं तरेमि धाउं धमेमि अहवावि / विज्जं मंतं साहमि देवयं वावि अच्चेमि / / 306 // जीवइ अज्जवि सत्तू मओ य इट्ठो पहू य महरुट्ठो / दाणिग्गहणं मग्गंति विहविणो कत्थ वच्चामि ? // 307 // इच्चाइमहाचिंताजरगहिया निच्चमेव य दरिदा / किं अणुहवंति सोक्खं ? कोसंबीनयरिविप्पोव्व // 308 // इय विहवीण दरिदाण वावि तरूणत्तणेवि किं सोक्खं ? / दुहकोडिकुलहरं चिय वुड्ढत्तं नूण सव्वेसि // 309 // एयरस पुण सरूवं पुबिपि हु वन्नियं संमासेणं / वोच्छामि पुणो किंचिवि ठाणस्स असुन्नयाहेउं // 310 // थरहरइ जंघजुयलं जिज्झइ दिट्ठी पणस्सइ सुईवि / भन्जइ अंगं वारण होइ सिंभोऽवि अइपउरो // 311 // लोयम्मि अणाएजो हसणिज्जो होइ सोयणिज्जो य / चिट्ठइ घरम्मि कोणे पडिउं मंचंमि कासंतो // 312 / / बुड्ढत्तंमि य पुत्ता भज्जा धूया वधूयणो वावि / जिणदत्तसावगस्स व पराभवं कुंणइ अइदुसहं // 313 // चउसुपि अवत्थासु इय मणुएसु विचिंतयंताणं / नत्थि सुहं मोत्तणं केवलमभिमाण संजणियं // 314 // मणुयाण दस दसाओ जाओ समयम्मि पुण पसिद्धाओ / अंतब्भवंति ताओ एयासुवि ताण पुण एवं // 315 // बाला किड्डा मंदा बला य पन्ना य हाइणि पवंचा। पब्भारमुम्मुहा सायगी य दसमी य कालदसा // 316 // .